पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में दो दिवसीय राज्य स्तरीय संगोष्ठी "स्फूरण" का हुआ आयोजन
जौनपुर : बेसिक शिक्षा विभाग जौनपुर एवं एडुस्टफ यू०पी० के तत्वावधान में दो दिवसीय राज्य स्तरीय संगोष्ठी "स्फूरण" का आयोजन पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में किया गया है। जिसका मुख्य विषय शिक्षकों के नवाचारी प्रयास एवं बच्चों में नैतिक मूल्यों का विकास रहा।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया। एडुस्टफ समूह की सह-संयोजक श्रीमती सविता सिंह द्वारा सुमधुर सरस्वती वन्दना प्रस्तुत किया गया। बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया एवं सभागार में उपस्थित सभी शिक्षकगणों को संबोधित करते हुए कहा कि सदैव सकारात्मक रहें, नकारात्मकता को दूर करें, कल्पनाशीलता बढ़ायें, आदर्श शिक्षक बनें। एडुस्टफ के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा गया कि ऐसे समूह शिक्षा को नये आयाम तक ले जाएंगे।
संचालन करते हुए धीरज सिंह सह-संयोजक एडुस्टफ ने बताया कि हैप्पी पैरेन्टिंग, रक्तदान, महिला कक्षा आदि कार्यों में उल्लेखनीय कार्य किये गए है जो अनुकरणीय है।
प्रीति श्रीवास्तव व उनकी एडुस्टफ टीम की सराहना करते हुए कहा गया कि इनके द्वारा बेसिक शिक्षा में नवाचार किया जा रहा है, इसके लिए सभी शिक्षकों को शुभकामनाएं दी गयी। कहा गया कि सभी शिक्षकों के कार्य सराहनीय है। आज के विषय "शिक्षकों के नवाचार एवं बच्चों में नैतिक मूल्यों का विकास" विषय को सकारात्मक बताया और कहा कि छात्रों में नैतिक मूल्यों का विकास करें। छात्रों के सबसे पहले गुरु मां-बाप तो अवश्य होते ही हैं किन्तु शिक्षक इस प्रकार छात्रों में नैतिक मूल्यों का विस्तार करें जिससे भविष्य में छात्र अपने जीवन में अच्छे नागरिक बन पाएं। विशिष्ठ अतिथि पुलिस अधीक्षक ने एडुस्टफ की सराहना की।
विभिन्न जनपदों से आये चयनित शिक्षकों ने अपने नवाचारी प्रयास की पीपीटी प्रस्तुत की जिन्हें उपस्थित शिक्षकों द्वारा सराहा एवं स्वीकार भी किया गया। कार्यक्रम के बीच-बीच मे शिक्षकों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति भी दी गई।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि व विशिष्ठ अतिथि को स्मृति चिह्न एवं एडुस्टफ टीम द्वारा बनाई गई "हमारे आदर्श (महान व्यक्तित्व)" वीडियो श्रृंखला की सी०डी० भेंट की गई।
अतिथियो द्वारा टीम एडुस्टफ के नवाचारी प्रयास एवं कार्यो की भूरि-भूरि प्रशंसा की गई, संयोजिका श्रीमती प्रीति श्रीवास्तव ने सभी आगन्तुकों का धन्यवाद देते हुए कहा कि इसकी संकल्पना बिना बेसिक शिक्षा के अधिकारियों, शिक्षकों के सम्भव नही था।
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