खेत में सीधे सुपर सीडर से करें गेहूं की बुवाई

खेत में सीधे सुपर सीडर से करें गेहूं की बुवाई
 

जौनपुर : कृषि विभाग द्वारा शुक्रवार को विकास खंड धर्मापुर एवं मुफ्तीगंज ब्लाक परिषर में कृषि सूचना तंत्र के सुदृढ़ीकरण एवं कृषक जागरूकता कार्यक्रम के तहत रबी उत्पादकता किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें किसानों से लाइन में बुवाई करने तथा कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओ, बीज वितरण, कृषि यंत्रों पर अनुदान, कम लागत में अधिक उत्पादन वाली तकनीकीयो से प्रशिक्षित किया गया।    
            गोष्ठी को संबोधित करते हुए उप परियोजना निदेशक ने कहा कि धान के खेत में किसान बिना जुताई किए सीधे जीरो टिल/सुपर सीडर मशीन से लाइन में गेहूं की बुवाई करें, इससे बीज, खाद एवं पानी की मात्रा कम लगेगी, खाद जो बुवाई के समय देंगे उसका भरपूर लाभ पौधों को मिलेगा किसान इस विधि से बुवाई करके कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं, उन्होंने बताया कि धान की लंबी अवधि की प्रजातियों की कटाई के बाद नहर सिंचित क्षेत्रों में अधिक नमी होने के कारण जुताई कर के खेत की तैयारी कर बुआई करने में विलंब हो जाता है जिससे उत्पादन घट जाता उन्होंने किसानों से सुझाव दिया कर धान की फसल काटने के बाद खड़े ठूठ में बगैर जुताई के मशीन से लाइन में बुवाई करने से कृषि निवेशो की बचत होगी साथ ही सवा गुना ज्यादा उत्पादन प्राप्त होगा। परती खेतों में बुआई करने से सिंचाई जल की बचत होगी तथा खरपतवार भी कम निकलेगे,  लाइन में बुवाई करने पर बीज एक निश्चित गहराई वह अंतराल पर गिरता है एक एकड़ के लिए 40 किग्रा गेहूं का बीज व 50 किग्रा डीएपी लगती है लाइन में बुवाई से खाद एवं बीज का प्रॉपर प्लेसमेंट होता है इसलिए उत्पादन बढ़ जाता है बुवाई 5 सेंटीमीटर गहराई पर होती है इसलिए जड़ों का विकास अच्छा होता है, फरवरी में जब गर्म हवाएं चलती हैं तो सिंचाई करने पर फसल गिरती नहीं इतना ही नहीं लाइन में बुवाई से सस्य क्रियाएं आसानी से होती हैं प्रति हेक्टेयर रु0 चार हजार लागत में कमी लाते हुए बेहतर उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
            वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा० संजीत कुमार ने मृदा स्वास्थ्य, उर्वरक प्रबंधन, सिचाई प्रबंधन, खरपतवार प्रबंधन की विस्तृत जानकारी दी।

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