शाहगंज, जौनपुर : रामलीला के पांचवें दिन अयोध्या के कलाकारों द्वारा मंच पर भरत आगमन, भरत कैकेई संवाद, भरत कौशिल्या संवाद, वशिष्ठ भरत संवाद, दशरथ दाह संस्कार की लीला खेली गयी। दशरथ विमान दशरथ शव यात्रा भजन मंडली द्वारा ढोल मजीरे की धुन पर भजन कीर्तन के साथ नगर के विभिन्न मार्गों से होता हुआ मंच पर पहुंचा। लीला मंचन को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। पांचवें दिन की रात्रि लीला मंचन की कड़ी में अयोध्या से आये मण्डली के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत लीला में अपने ननिहाल से वापस लौटे राजकुमार भारत को जब माता कैकेई के कुलनाशक कृत्य और उसकी वजह से पिता राजा दशरथ की मृत्यु की जानकारी हुई तो वे कुंठित हो उठे। उन्होंने अपनी माता कैकेई का त्याग कर दिया। पूरी तरह से टूट चुके भरत माता कौशल्या और गुरु वशिष्ठ के समझने-बुझाने के बाद सहज भाव से पिता के अंतिम संस्कार को चल दिये। गुरु आज्ञा के अनुसार पिता के पार्थिव शरीर को एक विमान में रखा। इस अंश में नगर के रामलीला भवन उठकर से ढोल मजीरे की मधुर धुन पर दर्जनों भजनकर्ताओं के मधुर भजनों के साथ दशरथ विमान निरहुआ मस्जिद तिराहा, बांके चौराहा, पुराना चौक, घास मण्डी चौक, डाकखाना तिराहा, जेसीज चौक के रास्ते नयी आबादी स्थित योगीनाथ तिराहे वापस होकर कलेक्टरगंज स्थित मंच पहुंचा जहां विधिपूर्वक उनका अंतिम संस्कार की लीला खेली गयी। इस दौरान सैकड़ों रामभक्तों ने लीला मंचन का आनन्द उठाया।
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