आत्मा और शरीर के भेद को समझे बिना परमात्मा को समझना असंभव- ऋषिदेव श्रीवास्तव

आत्मा और शरीर के भेद को समझे बिना परमात्मा को समझना असंभव- ऋषिदेव श्रीवास्तव

खेतासराय जौनपुर : पंच तत्वों पृथ्वी ,जल, अग्नि ,वायु और आकाश से निर्मित यह मानव शरीर ईश्वर द्वारा निर्मित अनूठी कृति है । इस नश्वर शरीर में चेतन सत्ता विराजमान है जो इस पंच भौतिक शरीर का संचालन करती है । निष्पाप, निर्लेप, अविनाशी, अजन्मा और निराकार आत्मा माया के वशीभूत होकर अपने मूल अस्तित्व को भूल बैठी है जो प्रकृति से परे है। उक्त उद्बोधन है जय गुरुदेव प्रचारक संस्था मथुरा के जौनपुर के जिलाध्यक्ष ऋषिदेव श्रीवास्तव ने मनेछे में शाहगंज ब्लॉक स्तरीय सत्संग कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि बोलते हुए कही। उन्होंने कहा कि यह आत्मा ईश्वर के भक्ति भाव और भजन में लीन होकर आवागमन के बंधन से मुक्त हो जाएगी । मनुष्य मांस,मदिरा और नशाखोरी में पूर्ण रूप से लिप्त हो गया है जो आने वाले भविष्य में उसके लिए बेहद हानिकारक है। जिलाध्यक्ष ऋषिदेव ने कहा कि हमारा तन और मन मस्तिष्क दोनों विपरीत दिशा में कार्य करते हैं जिससे तमाम विकार उत्पन्न होते हैं। उन्होंने बताया कि बिना सतगुरु की शरण में आने से मुक्ति संभव नहीं है। तो वहीं इस मौके पर हरिश्चंद्र यादव, दलसिंगार, कामता प्रसाद प्रजापति, रामचेत यादव, बनवारी, जैतू राम, सुरेश बिन्द समेत अन्य लोग शामिल रहे। अंत मे साकाहार सदाचार समति के तहसील उपाध्यक्ष राकेश शर्मा ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया ।

Post a Comment

0 Comments