अमेरिका से सात समुद्र पार कर मातृभूमि पर पहुचे दम्पत्ति परिजनों ने किया स्वागत

अमेरिका से सात समुद्र पार कर मातृभूमि पर पहुचे दम्पत्ति परिजनों ने किया स्वागत

जौनपुर।स्थानीय नगर में एक दम्पत्ति अमेरिका से सात समुद्र पार कर अपने मातृभूमि पर पहुचते ही परिजनों ने बड़े ही खुशी मन से गले लगाकर स्वागत किया। दम्पत्ति घण्टो नगर में लोगो से बातचीत कर और नगर भ्रमण कर गदगद दिखाई पड़े।आपको बता दे कि अमेरिका में रह रहे एक दम्पप्ति असलम और उनकी पत्नी अलमास बानो मंगलवार को मछलीशहर पहुचे।
नगर में पहुचने के बाद दम्पत्ति पत्रकारों से बातचीत कर अमेरिका से अपने वतन आने की बात बताते हुए कहा कि मछलीशहर में मेरा वतन है लेकिन कहा है नही जानता।इसके बाद नगर के प्रतिष्ठित अधिवक्ता प्रेम चन्द्र विश्वकर्मा के घर पहुचकर असलम अपने पिता और दादा का नाम बताकर मातृभूमि की जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की। लेकिन सफलता न मिलने पर अधिवक्ता ने अपने घर पर नगर के इकबाल रिजवी उर्फ गुड्डू और कुछ लोगो को बुलाकर उनसे मिलवाने के बाद परिजनों को जानने की कोशिश की।जिसके बाद इकबाल कुरैशी ने नगर के बुजुर्ग लोगो से बातचीत की तो पता चला कि अमेरिका से आये दम्पत्ति आपके ही खानदान के लोग है। मातृभूमि का पता चलते ही दम्पत्ति की आखों में चमक आ गई और असलम और इकबाल एक दूसरे को गले लगाकर भाव विभोर हो गए।जिसके बाद इकबाल रिजवी ने असलम और उनकी पत्नी को सम्मान सहित अपने घर ले जाकर आवाभगत कर जामा मस्जिद, शाही रोड,जरी इमामबाड़ा और उनकी पैतृक चीजो को दिखाने के बाद नगर में भ्रमण कराया।नगर में भ्रमण करने के बाद दम्पत्ति पत्रकारों से बातचीत के दौरान मीडिया का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज मैं अपने वतन आकर बहुत ही खुश हूँ।इसके साथ ही असलम बार बार इकबाल रिजवी को गले लगाते हुए कहा कि आज मैं अपने परिवार के साथ हूँ यह पल सदैव याद रहेगा।असलम की पत्नी अलमास बानो ने कहा कि आज मैं अपने पति के वतन में मौजूद हूँ।यह पल बया नही किया जा सकता है।हम लोग अपने श्वसुर और उनके पिता के मुख से जौनपुर जिले के मछलीशहर में अपना वतन होना सुनी थी लेकिन कभी देखी नही थी।अर्से से वतन आने की तमन्ना थी जो आज पूरी हो गई।इस दौरान इकबाल रिजवी ने कहा कि आज मैं अपने परिवार को अपने बीच पाकर बहुत खुश हूँ।

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