शाहगंज ( जौनपुर) शासन की तरफ से गुरुवार को प्रदेश के सभी जिले के निकायों के अध्यक्ष पद के आरक्षण की घोषणा होते ही अध्यक्ष बनने की चाहत रखने वाले कई उम्मीदवार चुनाव मैदान से बाहर हो गए तो कई लोगों के चेहरे खिल उठे ।जौनपुर के शाहगंज सीट एक फिर महिला ओबीसी होने पर निकाय चुनाव की सरगर्मियां बढ गयीं है ।चुनाव के मैदान में ताल ठोकने वाले ओबीसी नेता अब अपनें पत्नी व परिवार के सदस्य महिला को मैदान में उतारेंगे । कहा जायें एक बार फिर अब आधी आबादी का दबदबा शाहगंज सीट पर देखनें को मिल सकतीं हैं ।
यदि हम पिछले निकाय चुनाव की बात करें तो शाहगंज सीट से गीता जायसवाल ने कमल खिलाया था । लेकिन इस बार शाहगंज सीट पर बीजेपी से कमल खिलाने के लिए कई नेताओं की पत्नियां व उनके परिवार के सदस्य बीजेपी से टिकट की दावेदारी कर रहीं हैं ।
शाहगंज सीट पर पिछले कुछ महीनों से भाजपा से टिकट की दावेदारी करनें वाले ओबीसी चेहरों में अनिल मोदनवाल, रुपेश जायसवाल और प्रदीप जायसवाल का नाम चर्चा में था ।
और सूत्रों की मानें तो इन्ही तीनों नामों में से पार्टी किसी को मैदान में उतार सकतीं थी । लेकिन शाहगंज सीट ओबीसी महिला होने पर मौजूदा चेयरमैन गीता जायसवाल,बीजेपी नेता रुपेश जायसवाल की पत्नी भाजपा नेत्री व समाज सेविका कुसुम जायसवाल और भाजपा नेता अनिल मोदनवाल की भयोहू अन्नपूर्णा देवी का नाम चर्चा में हैं । सूत्र बताते हैं कि अब पार्टी इन तीनों महिला नेत्रियों की फीड बैक लेने के साथ साथ मौजूदा चेयरमैन की विकास कार्यो की जमीनी हकीकत भी पार्टी के पैनल में बैठे हुए लोग लेने में जुटे हुए हैं ।
पार्टी भी इस बार बेदाग और साफ सुथरी छवि के लोगों को मौका दे सकतीं हैं । लेकिन इन तीनों महिला नेत्री के नाम के अलावा और भी कुछ नाम सामने आ सकतें हैं । अभी आरक्षण की फाइनल लिस्ट भी आना बाकी है और पार्टी के फीड बैक में कौन पास होता है ? शाहगंज सीट से बीजेपी किसे मैदान में उतारती हैं यह तो आनें वाला समय ही बताएगा।
✍️.... कुमार विवेक
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