न्यायालय के आदेश पर कोतवाली पुलिस मामला दर्ज कर जांच में जुटी
शाहगंज, जौनपुर। जमीन पर फ़र्जी दस्तावेजों के आधार पर कब्जा करने और विरोध करने पर जान से मारने का प्रयास करने के आरोप में न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने 15 नामजद और 20-25 अज्ञात लोगों पर गम्भीर धाराओं में केस दर्ज कर मामले की जांच में जुटी है।
वादी सुजीत जायसवाल पुत्र स्व. गुरुदयाल ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में प्राथना पत्र देकर आरोप लगाया कि उनके भांजे राहुल जायसवाल पुत्र स्व. राजकुमार ने आराजी संख्या 4011 का बैनामा लिया और वह काबिज भी है। उक्त जमीन पर राजेश्वर, संदीप जायसवाल काफी समय से हड़पने के प्रयास में हैं। फर्जी मुहायदानामा कराकर लगातार कब्जे की कोशिश कर रहे हैं। मामले में उच्च न्यायालय में सिविल अपील विचाराधीन है। जिसपर स्थगन आदेश भी जारी किया गया है। विपक्षी द्वारा स्थगन आदेश की अवहेलना करने पर न्यायालय की अवमानना का भी वाद विचाराधीन है। फर्जी दस्तावेज बनाने के आरोप में राजेश्वर व संदीप पर स्थानीय कोतवाली में केस दर्ज कराया गया, जिसमें राजेश्वर जिला कारागार में निरुद्ध है।
वादी का आरोप है कि 17 जनवरी की सुबह छताई गांव निवासी फिरतू हरिजन के साथ भांजे की जमीन की तरफ गया जहां संदीप जायसवाल, उनकी माँ राजकुमारी, राजपत उनकी पत्नी गीता, अविनाश, धर्मपाल, रविन्द्र, अनुराग, सोनू, हनुमान सेठ, अभिषेक उर्फ मोंटी, हिमांशु, मंजीत, विशाल, नीरज और 20-25 अज्ञात लोगों के साथ जेसीबी मशीन से निर्माण गिरा रहे थे। जिसका विरोध करने पर मेरे साथ गए फिरतू हरिजन को जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर मारपीट की। जान बचाकर भागते समय संदीप और राजपत ने असलहा निकालकर फायरिंग किया। लेकिन गोली नहीं चल सकी। घटना के समय मौके पर भारी भीड़ इकठ्ठा हो गई। लोगों के बीच-बचाव के बाद वहां से निकल सका।
घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने स्थानीय थाने से लेकर पुलिस अधीक्षक तक न्याय की गुहार लगाने के बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं किया जा सका। जबकि पुलिस ने विपक्षी की तहरीर पर पीड़ित के खिलाफ फर्जी ढंग से केस दर्ज कर लिया, जिसकी विवेचना जारी है। वादी के प्रार्थना पत्र का संज्ञान लेते हुए न्यायालय ने केस दर्ज कर जांच का आदेश दिया। पुलिस मामला दर्ज कर जांच में जुटी है।
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